Monday, June 21, 2010
कभी हसना है कभी रोना है
चाहे हसो चाहे लेकिन यह तोह सभी के साथ ही है कभी हसना होता है कभी रोना होता है यह सभी के साथ होता है जीवन के कई मोड़ ऐसे होते है जिसपर हसना भी पढता है और रोना भी पड़ता है चाहे वो जिंदगी का कोई भी मोड़ हो हर इंसान के साथ ऐसा होता है मेरा तात्पर्य इस चीज़ से नहीं की में हमेशा ही ऐसे ब्लॉग लिखती हु जो नाटक रूपी होते है में चाहे जो लिखू लेकिन जो भी लिखती उसमे जीवन की सच्चाई ज़रूर होती है में लोगो को सच्चाई से रूबरू करना चाहती और कुछ नहीं क्युकी इंसान सपनो की दुनिया में रहने लगा है सोचता है की में न जाने क्या कर लू लेकिन कभी यह नहीं सोचता की मुझसे उप्पर भी कोई है अगर इंसान सच्चाई जानेगा तोह वो अपनी जिंदगी किसी के पिच्छे बर्बाद नहीं करेगा मेरा मकसद ब्लॉग लिखने का सिर्फ यही है की लोगो को सच्चाई मालूम और गलत रस्ते पर लोग न चले सही रास्ता अपनाये क्युकी इंसान सब कुछ जानते हुआ भी गलत कर रहा है जब गलती का एहसास होता है तोह इंसान बहुत पछताता है ओर उस समय इंसान के पास पछताने के अलावा कोई और साधन नहीं होता इसलिए कहते है जिंदगी का नाम ही कभी हसना है कभी रोना है
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
बहुत सही बात है रोने पर ही हंसी की कीमत पता चलती है एक रस मे तो आदमी के संवेदनायें शिथिल हो जाती हैं । आशीर्वाद्
ReplyDeleteसही कहा!!
ReplyDeleteसही कहा!!
ReplyDelete