पड़ते पड़ते पूरी जिंदगी लग जाती है लेकिन जिंदगी के सपने सपने ही रह जाते है आज मोडर्न युग में शिक्षा का इतना महत्व हो गया कि करियर बनाते बनाते ही स्टुडेंट परेशान है वो परेशान इसलिए नहीं है कि पड़ नहीं रहे अगर परेशान है तों इसलिए कि पड़ने के बावजूद भी नौकरी नहीं मिल रही परेंट्स लाखो रुपये लगा देते है बच्चे को पढ़ाने में लेकिन बच्चे करियर के मामले में पीछे ही रह जाते है आज हजारो तरह के कोर्से बच्चे करते है लेकिन रिजल्ट जीरो ही नज़र आता है जिंदगी ऐसे मोड़ पर आ जाती है कि फैसला करना mushkil हो जाता है पैसे भी बर्बाद होते है और बच्चो का करियर भी सिमट नहीं पाता ऐसे samay में करियर कि चिंता insan को
चिंता का shikar bana deti है !
Tuesday, February 9, 2010
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