Tuesday, January 5, 2010

महंगाई की मार

महंगाई उफ़ यह महंगाई, पूरी दुनिया को मार डाला इस तरीके की भी कोई महंगाई होती है जो कम होने का नाम ही नहीं ले रही है! वैसे ही पेमेंट कम मिलती है उप्पर से इस महंगाई को झेलो हद हो गयी नेता लोगो की तभी तोह यह महंगाई बहुत आच्छी लग रही होगी तभी तोह बहुत खुश है! महंगाई की दवाई भी नेता लोगो के पास है वही महंगाई बढ़ाते है और खुश होते रहते है क्युकी सारा पैसा नेता लोगो की जेब में जाता है जनता सोचती है कुछ अच्छा हुआ होगा तभी महंगाई बढ़ रही है लेकिन जनता को क्या पता साजिश क्या है गरीबो का तोह हाल बुरा हो गया है कितना सहे, सहते सहते हद हो गयी हर रोज किसी न किसी चीज़ पर महंगाई बढ़ जाती है! सर्कार पता नहीं क्या चाहती तभी तोह जनता के सुख दुःख का ख्याल नहीं रखती हमेशा जनता के सपनो को चूर चूर करती है! बस बहुत हो गया महंगाई महगाई! अच्छी बात क्या है यह ज़रा सबको बता दू की महंगाई और बढ़ेगी जी लो जितना जीना है तभी खुश रहेंगे वर्ना महंगाई ने तोह मार दिया और सोच सोच कर मार जायेंगे !