Thursday, October 21, 2010

वादों के सहारे जिंदगी

चमकती दुनिया चमकते सितारे लेकिन उस महफ़िल का क्या फायदा जहा इंसान की जिंदगी झूट पर टिकी हो कहने को तो इंसान जीता है और मरता है लेकिन पता नहीं क्यों दुनिया पर विश्वास करता है ऐसा लगता है इस दुनिया में विश्वास लायक बन्दे बहुत कम है झूटी उम्मीद झूठे वादे यही इंसान की जिंदगी का सच है लम्बे लम्बे वडा करना लम्बी लम्बी बातें करना लोगो की फितरत बन गयी है चाहे जो है यह सब इंसान की जिंदगी में होता रहता है दुनिया में हर कोई प्यार करता है लेकिन प्यार भी उसके लिए टाइमपास होता है हमेशा उसके लिए अगर कुछ मायने रखता है तो सिर्फ उसकी ज़रूरत की चीज़े और कुछ नहीं शायद यही अब इंसान की किस्व्मत में है प्यार करना और धोखा देना हर इंसान की यही दुनिया है

Wednesday, August 11, 2010

तीज की खुशिया

तीज का त्यौहार और मोसम इतना खुशनुमा ऐसे लगता है जैसे चाँद धरती पर उतर आया आज महिलायों के लिए स्पेशल दिन है जो उनकी जिंदगी में बहुत मायने रखता है आज सभी महिलाये व्रत रखती है और अच्छी तरह एन्जॉय करती है हाथो में मेहँदी लगाती है और झूला भी झूलती है सभी लडकिय इस दिन को बड़े हर्षौल्लास के साथ मनाती है और ख़ुशी की बात यह है की सभी लड़के लोग भी महिलायों के साथ एन्जॉय करते है महिलायों के साथ घूमने जाते है और लडकियाहर तरह का पकवान बनती है आजके दिन हर जगह मेले लगते है जिन्हें सब देखने जाते है पूरे भारतवर्ष में यह त्यौहार मनाया जाता है तीज के उपलक्ष्य में दो शब्द इस प्रकार है ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;
आज दिन है काफी सुहाना
मोसम कहना चाहता है कुछ
आज दिल भी है काफी खुश
करना चाहते है बहुत कुछ
लेकिन मजबूर है दिल के हाथो
न जाने कब जवाब दे दे
इसलिए चुप रहते है
और दिल के अन्दर ही
खुश हो लेते है

तीज की khushiya

Saturday, July 3, 2010

जिंदगी

तुमने न देखी हो
लेकिन हमने देखी है जिंदगी
सडको पे घिसती देखी है
रहो में भटकती देखी है
सर्दी की ठिठुरती रातो में
फूटपाथ पे जीती देखी है
हमने देखी है जिंदगी
सशक्त आवाज दिल्ली

इंसानियत

मुझे लगता था की जैसे सब लिखते है ऐसे मुझे भी कुछ लिखना चाहिए इस पूरी कायनात में एक से एक शायर एक से एक कवि पैदा हुआ है जिनोहोने अपनी कलम के ज़रिये इस सभ्य समाज को एक नयी दिशा दी है यही कुछ सोचकर में भी कुछ लिखना चाहता था मगर लिख नहीं पाया विचारो का आदान प्रदान जब हुआ तब चार लाइन का जनम हुआ अपनी कलम से उकेरी हुई वही चार लाइन इस प्लेटफार्म पर दर्शा रहा हूँ

जाने कहा गुम हो रही
इंसानियत इंसान की
फैलती ही जा रही
हैवानियत इंसान की
वक़्त के आगोश में
कितने आये मिट गए
आज खोती जा रही
तहज़ीब इस इंसान की
मर मिटे जो हिंद पर
शान ऐ वतन के वास्ते
है मय्यसर अब नहीं
जिन्दादिली इंसान की

सशक्त आवाज दिल्ली

Wednesday, June 30, 2010

आखो के सामने होते हुआ नज़ारा

आज सुबहे मै घर से ८ बजे university के लिये निकली जब मै घर से निकली मैंने रोड पैर काफी ट्रफिक देखा में ट्रफिक मै से जेसे तैसे निकल कर पहुचि फ़िर मैंने अपना सारा काम university का पूरा किया उसके बाद मै घर के लिए निकली तो university से कुछ दूरी पर मैंने एक लड़की को उस रोड पैर पैदल चलते हुए दखा वो लड़की अपनी धुन मै उस रोड पर चल रही थी उस लडकी ने लाल कलर के कपडे पहन रखे थे और ब्लैक कलर का परस टाग रखा था वो लड़की जब रोड पर चलते हुए मोबाईल पर बात कर रही थी तब उसके पास से एक motercical वाला गुजरा जिसने सफ़ेद कलर के कपडे पहने हुआ थे और जैसे ही वो उस लड़की के पास आया उसने बड़ी ही चालाकी से लड़की का पर्स छिना और भाग गए तभी लड़की चिल्लाई और रोने लगी और चारो तरफ भीड़ इकठठा हो गयी और यह थी आज की कहानी










Monday, June 21, 2010

कभी हसना है कभी रोना है

चाहे हसो चाहे लेकिन यह तोह सभी के साथ ही है कभी हसना होता है कभी रोना होता है यह सभी के साथ होता है जीवन के कई मोड़ ऐसे होते है जिसपर हसना भी पढता है और रोना भी पड़ता है चाहे वो जिंदगी का कोई भी मोड़ हो हर इंसान के साथ ऐसा होता है मेरा तात्पर्य इस चीज़ से नहीं की में हमेशा ही ऐसे ब्लॉग लिखती हु जो नाटक रूपी होते है में चाहे जो लिखू लेकिन जो भी लिखती उसमे जीवन की सच्चाई ज़रूर होती है में लोगो को सच्चाई से रूबरू करना चाहती और कुछ नहीं क्युकी इंसान सपनो की दुनिया में रहने लगा है सोचता है की में न जाने क्या कर लू लेकिन कभी यह नहीं सोचता की मुझसे उप्पर भी कोई है अगर इंसान सच्चाई जानेगा तोह वो अपनी जिंदगी किसी के पिच्छे बर्बाद नहीं करेगा मेरा मकसद ब्लॉग लिखने का सिर्फ यही है की लोगो को सच्चाई मालूम और गलत रस्ते पर लोग न चले सही रास्ता अपनाये क्युकी इंसान सब कुछ जानते हुआ भी गलत कर रहा है जब गलती का एहसास होता है तोह इंसान बहुत पछताता है ओर उस समय इंसान के पास पछताने के अलावा कोई और साधन नहीं होता इसलिए कहते है जिंदगी का नाम ही कभी हसना है कभी रोना है