Wednesday, June 30, 2010

आखो के सामने होते हुआ नज़ारा

आज सुबहे मै घर से ८ बजे university के लिये निकली जब मै घर से निकली मैंने रोड पैर काफी ट्रफिक देखा में ट्रफिक मै से जेसे तैसे निकल कर पहुचि फ़िर मैंने अपना सारा काम university का पूरा किया उसके बाद मै घर के लिए निकली तो university से कुछ दूरी पर मैंने एक लड़की को उस रोड पैर पैदल चलते हुए दखा वो लड़की अपनी धुन मै उस रोड पर चल रही थी उस लडकी ने लाल कलर के कपडे पहन रखे थे और ब्लैक कलर का परस टाग रखा था वो लड़की जब रोड पर चलते हुए मोबाईल पर बात कर रही थी तब उसके पास से एक motercical वाला गुजरा जिसने सफ़ेद कलर के कपडे पहने हुआ थे और जैसे ही वो उस लड़की के पास आया उसने बड़ी ही चालाकी से लड़की का पर्स छिना और भाग गए तभी लड़की चिल्लाई और रोने लगी और चारो तरफ भीड़ इकठठा हो गयी और यह थी आज की कहानी










Monday, June 21, 2010

कभी हसना है कभी रोना है

चाहे हसो चाहे लेकिन यह तोह सभी के साथ ही है कभी हसना होता है कभी रोना होता है यह सभी के साथ होता है जीवन के कई मोड़ ऐसे होते है जिसपर हसना भी पढता है और रोना भी पड़ता है चाहे वो जिंदगी का कोई भी मोड़ हो हर इंसान के साथ ऐसा होता है मेरा तात्पर्य इस चीज़ से नहीं की में हमेशा ही ऐसे ब्लॉग लिखती हु जो नाटक रूपी होते है में चाहे जो लिखू लेकिन जो भी लिखती उसमे जीवन की सच्चाई ज़रूर होती है में लोगो को सच्चाई से रूबरू करना चाहती और कुछ नहीं क्युकी इंसान सपनो की दुनिया में रहने लगा है सोचता है की में न जाने क्या कर लू लेकिन कभी यह नहीं सोचता की मुझसे उप्पर भी कोई है अगर इंसान सच्चाई जानेगा तोह वो अपनी जिंदगी किसी के पिच्छे बर्बाद नहीं करेगा मेरा मकसद ब्लॉग लिखने का सिर्फ यही है की लोगो को सच्चाई मालूम और गलत रस्ते पर लोग न चले सही रास्ता अपनाये क्युकी इंसान सब कुछ जानते हुआ भी गलत कर रहा है जब गलती का एहसास होता है तोह इंसान बहुत पछताता है ओर उस समय इंसान के पास पछताने के अलावा कोई और साधन नहीं होता इसलिए कहते है जिंदगी का नाम ही कभी हसना है कभी रोना है

Saturday, June 19, 2010

उसकी यादो का पानी मेरी आखो में

न जाने यह क्या है समझ नहीं आता अज बड़े दिनों बाद उसकी यद् आ रही है और मेरी आखो में पानी ही पानी नज़र आ रहा है दुसरो के लिए शायद मेरी आखो में जो आसू है वो मजाक होगा लेकिन ऐसा लग रहा है की जिंदगी का वो कोन सा ऐसा दिन था जो काफी बेचैनी पैदा कर रहा है आज न जाने उसकी यादें वापस दिमाग में आ रही है उसकी आँख से एक भी आसू गिरता है तो मेरी आँख से भी गिरता है आज ऐसा लग रहा है वो काफी दुखी है तभी तो उसका दुःख मेरी आँखों में नज़र आ रहा है लेकिन में कितनी बेबस हु कितनी लाचार हूँ की वो मेरे पास होने के बावजूद भी उसके आसुओ का कारन नहीं जान सकती में इसे क्या कहू क्यों जब भी उससे बात करने का मन करता है तो कदम आगे की और बढ़ने की वज़ह पिच्छे की और क्यों हटते है जब भी उसकी यद् आती है तो मन करता है उसके पास जाओ और उससे जाके पूछु की उसे क्या दुःख है उसकी सारी परेशानी दूर कर दू लेकिन वो भी नहीं कर सकती मजबूर हु आज में इतनी बेबस महसूस कर रही हु की इतना कभी अपने आप को बेबस महसूस नहीं किया आज उसका दुःख नहीं बाट नहीं सकती उससे बात नहीं कर सकती उसके पास नहीं जा सकती उससे से कुछ कह नहीं सकती क्या करू समझ नहीं बस मन को यह कहकर तस्सली दे लेती हूँ की वो जहा भी हो ठीक हो उसकी हर चाहत भगवन पूरी करे उसे हर ख़ुशी मिले बस यही भगवन से दुआ कर सकती हूँ इसे किस्मत कहू या अपनी गलती कहू किस्मत में जो होता है वोही इंसान के साथ होती यह बाट बिलकुल सही है की किस्मत अपनी अपनी क्युकी इंसान किस्मत के सामने इतना मजबूर होता है की कुछ कर नहीं सकता उसके किस्मत न जाने क्या खेल खिलाती है पता नहीं किस्मत की वो कोण सी ढोर है जो किसी को दिखाई भी नहीं देती और अपना खेल खेल जाती है खेर क्या रखा है इन बातो में जो किस्मत को मंज़ूर वो ही अपने आपको मंज़ूर किस्मत को बहुत बार बदलना छह लेकिन नहीं बदल पाए उसके सामने भी हार गए अब सब कुछ किस्मत के हवाले ही छोड़ दिया जय हिंद

उसकी यादो का पानी मेरी आखो में

Thursday, June 17, 2010

दोस्तों की दुनिया

लाइफ में बहुत दोस्त आते है लेकिन ऐसे दोस्त बहुत कम होते है जो सुख दुःख में साथ देते है सिर्फ दोस्त लाइफ में रहते है टाइमपास केव लिए कोई ही ऐसा दोस्त होता है जो सच्चा होता है इसलिए आज के समय में दोस्ती करने से भी डर लगता है ऐसा लगता है कही ऐसा न हो दोस्ती में भी धोखा छुपा हो इसलिए दोस्ती भी इंसान को सोच समझ कर करनी चाहिए तभी दोस्ती सही रहती है इस बात की परवाह नहीं की दोस्ती कब ख़तम हो जाये बस यदि परवाह है तोह इस बात की की दोस्ती में कितना विश्वास लोग करते है और विश्वास के दोस्ती को आगे बढ़ाते है यही आज ज़रूरी है आज के टाइम में विश्वास नाम की तोह कोई चीज़ ही नहीं सिर्फ लोग एक दुसरे को धोखा देना जानते है और कुछ नहीं दोस्ती हो या प्यार सिर्फ खिलौना बनकर रह गयी कॉलेज टाइम हम सब दोस्तों के साथ मौज मस्ती करते है लेकिन एक दिन ऐसा आता है जिस दिन दोस्तों के बगेर जिंदगी अधूरी सी लगने लगती है न जाने कब दोस्त साथ छोड़ देते है न जाने जाने कब दूर चले जाते है जब पता चलता है तो बहुत फासले हो जाते है कहने को जिंदगी कुछ पालो की है लेकिन यदि जिंदगी को सही दांग से जिया जाये तो जिनगी भगवन से कम नहीं है

Saturday, June 12, 2010

जो खाए वो भी पछताए जो न खाए वो भी पछताए

कहने का तात्पर्य तो एक लड्डू से कम नहीं है जिसका स्वाद मीठा होता है उसी तरह जब किसी से मुलाकात होती है तो वो भी मीठी मीठी बात करके आगे बढ़ते चले जाते है जब भी शुरुआत इंसान अपनी जिंदगी की करता है तो वह भी परिस्थियों से भी झूज़ता हुआ आगे बढ़ता है और एक दिन वो दिन उसकी जिंदगी में आ ही जाता है जब उसे शादी का लड्डू खाना पढता है हर इंसान अपनी जिंदगी में खुश रहना चाहता है जीवन में बहुत कुछ करना चाहता है और समय समय पर अपने आप को साबित करना चाहता है की में कोण है लेकिन आज के समय में इंसान बदल गया है आज इंसान पैसो से प्यार करते है इंसान के लिए इंसान की जिंदगी से ज्यादा पैसा मायने रखता है इंसान का रूप जानवरों से बदतर होता जा रहा है इंसान की सोच आधुनिक युग में भी गन्दी होती जा रही है इसे या तोह प्रकर्ति की दें कह ले या इंसान की मज़बूरी कह लो इंसान जल्दी से हर बुरे कम करने के लिए टायर हो जाता है जिंदगी के मायने इंसान के लिए बदल जाते है आज के डोर में सही इंसान भी बदनाम हो रहा है चने के साथ घुन पिस रहा है पता नहीं इंसान क्या साबित करना चाहता है जय हिंद

Friday, June 11, 2010

मेरे दुःख का सागर

कहने के लिए तोह मेरे दुःख की दास्ताँ बहुत बड़ी है लेकिन यह वो कहानी है जो हर इंसान की जिंदगी में घटती रहती है जी हा एक राजकुमार था एक राजकुमारी थी दोनों बहुत प्यार करते थे प्यार इतना पवित्र था की गंगा के पानी की तरह दोनों खूब बातें करते थे लेकिन मिलना उनकी जिंदगी में शामिल नहीं था क्युकी वो प्यार ही ऐसा था जिस दिन वो मिले वो उनकी जिंदगी का आखरी सफ़र था इसे चाहे जुदाई कहो या जिंदगी से अलग हो जाने के बराबर समझो दोनों नहीं जानते थे की प्यार क्या होता है जब पता चला तोह रस्ते अलग अलग हो गए थे जिसका असर जिंदगी पर ऐसे पड़ा की जिंदगी फीकी नज़र आने लगी मोहब्बत तोह हीर और राँझा ने भी की थी लेकिन कोण सी मोहब्बत है जो पास होके भी नहीं मिल पाए शायद यही भगवन की मर्ज़ी थी जो अज अपनी मौत से भी बदतर दिखाई देती है जिंदगी के वो लम्हे जो कभी हसीं थे आज पूरी जिंदगी गम में डूब गयी पता कब वो दिन आयेगा जब जिंदगी खुशीनुमा पालो की मोहताज होगी ऐसा लगता है की साडी खुशिया जिंदगी से रूठ गयी बस गमो का सहारा रह गया हमारी जिंदगी का क्या वो तोह कट ही जाएगी लेकिन भगवन से दुआ उन्हें जिंदगी की हर ख़ुशी मिले जिन्हें हम न पा सके वो हमेशा खुश रहे क्युकी हम वो है जो दुसरो की खुशियों के लिए जीते है दुसरो की खुशिया हमारे लिए ज्यादा मायने रखती है अपनी खुशियों से ज्यादा क्युकी इसी जिंदगी कहते है हमने तोह उनकी खुशियों के सहरे अपनी जिंदगी डोर बंद राखी थी जो टूट गयी लेकिन गम नहीं क्युकी वो खुश है

Monday, June 7, 2010

मोहब्बत की दुनिया

आज चारो तरफ मोहब्बत का साया छाया हुआ है सबको सिर्फ प्यार ही नज़र आता है चाहे इंसान कैसा भी हो इन्सान को कोई पहचानता नहीं है सिर्फ इंसान की शकल पर ही विश्वास कर लेते है लेकिन यह कोई नहीं जनता की खूबसूरत चेरा कितना दर्द देता है खूबसूरत चेहरे के पीछे ही इंसान अपनी जिंदगी बिगाड लेता है लेकिन यह नहीं जनता की हमारी जिंदगी कितनी ज़रूरी होती है मोहब्बत के चक्कर में परेंट्स भी बुरे लगने लगते है जो अपनी जगह सही होते है लेकिन युवा वर्ग को कोण समझाए उनके दिमाग में तो सिर्फ प्यार के अलावा कुछ है ही नहीं आज यदि देखा जाया तोह युवा वर्ग की जिंदगी मोहब्बत के चक्कर में बिगडती जा रही है जो पुरे केर्रेर को बर्बाद कर देती है जिसमे इंसान को आशुओ के अलावा कुछ नहीं मिलता है यह कहानी आज की ही नहीं है बल्कि पुराने समय से चली आ रही है न जाने कितने लोगो ने मोहब्बत में अपनी जिंदगी बर्बाद की है परेंट्स बच्चो को दूर पड़ने के लिए भेज देते है लेकिन यह नहीं जानते की हमारे बच्चे क्या गुल खिला रहे है क्या वो माँ बाप का सपना पूरा कर रहे है या माँ बाप का सपना चूर चूर कर रहे है यही कहानी है आज की दुनिया की भियो अगर अज आपको कुछ करना है तोह खूबसूरत चेहरे को छोड़ दीजिये और आगे बड़ते रहिये ताकि कुछ अच्छा परेंट्स के लिए हम कर सके और हमारे परेंट्स हमारे लिए खुश हो सके जय हिंद