Tuesday, October 13, 2009

चिंता चिता से बुरी होती है

कहते है चिंता चिता से बुरी होती है यह बात बहुत सत्य है यदि इंसान को किसी की भी चिंता लग जाए तोह वह हमेशा चिंतीत रहता है बच्चे एजूकेशन पुरी करते है सोचते है नौकरी मिल जायेगी लेकिन ऐसा होता नही है परेंट्स चाहते है हमारा बच्चा बड़ा हो और नौकरी करे लेकिन ऐसा कहा सम्भव है क्युकी हर किसी की चाहत अलग अलग होती है ज़रूरी नही जो परेंट्स चाहे वही बच्चा करे बच्चे की भी अपनी जिंदगी होती एजूकेशन के समय हमारी सोच ऐसी होती है की हम सही फैसले नही ले पते लेकिन इसका मतलव यह नही की हमे कुछ आता एजूकेशन के समय में हर चोटी बात चिंता का कारन बन जाती है बच्चे को पढ़ते रहना चाहिए परेंट्स का कोई दबाव नही होना तभी वह सही तरह से पडी कर पायेगा और आगे बढेगा क्युकी आज के समय में परेंट्स की बात भी बच्चो को अच्छी नही लगती और इस तरह वो सोचते रहते है की हम क्या करे और सही फ़ैसला नही ले पाते इसलिए मेरा मानना है की चिंता चिता से बुरी होती है

5 comments:

  1. इसीलिए चिंता छोडो और जीवन के एक एक पल का आनंद लीजिये....!जीवन की सार्थकता भी इसी में है.

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  2. आपके ब्लॉग पर अचानक ही आना हुआ। लेकिन आप इसे नियमित अपडेट नहीं कर रही हैं। कम से कम हफ्ते या 10 दिन में एक पोस्ट तो होनी ही चाहिए। मेरे ब्लॉग पर आने का निमंत्रण है।

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  3. good.......positive thinking can change your life.....so dont worry and be happy always.

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  4. hey yaar I am also getting same problem...what to do..

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  5. hey really nice creativity....superb carry on good luck..

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